Retirement Planning for a 40-Year-Old Aggressive Investor | Do’s & Don’ts of DIY Portfolio

40 की उम्र में सही रिटायरमेंट प्लानिंग: हाई-रिटर्न DIY पोर्टफोलियो बनाएं!

5 Min Read
Retirement Planning

निवेश के अहम नियम: 40 वर्षीय आक्रामक निवेशक के लिए सेवानिवृत्ति योजना

एक अच्छे आक्रामक निवेशक का पोर्टफोलियो कैसा होना चाहिए? अगर आप खुद से निवेश कर रहे हैं यानी कि DIY निवेशक हैं, तो किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और क्या-क्या गलतियां अवॉइड करनी चाहिए? इसके अलावा, अपने लक्ष्यों और बीमा जैसी चीजों में कौन सी गलतियां हो सकती हैं और उनसे कैसे बचा जाए? इन सभी सवालों का जवाब इस लेख में मिलेगा।

केस स्टडी: शाश्वत बैनर्जी का पोर्टफोलियो

शाश्वत बैनर्जी, जो कोलकाता में रहते हैं, 42 वर्ष के हैं। उनकी पत्नी की उम्र 40 साल है और वह गृहिणी हैं। उनका एक 6 साल का बेटा है और उनके माता-पिता सेल्फ डिपेंडेंट हैं। अब उनके निवेश की स्थिति पर नजर डालते हैं:

  • म्यूचुअल फंड निवेश: 1.05 करोड़ (2017 से)
  • डायरेक्ट इक्विटी निवेश: 67 लाख
  • एफडी (इमरजेंसी फंड): 11 लाख
  • पीपीएफ: 20 लाख (अगले 2 साल में 6 लाख और जोड़ने की योजना)
  • एलआईसी पॉलिसी: 50 लाख (2032 में मैच्योर)
  • मासिक खर्च: 1,44,000 (रेंट, स्कूल फीस, ट्रेवल आदि)
  • बीमा प्रीमियम: 1.25 लाख प्रति वर्ष (LIC, हेल्थ इंश्योरेंस, टर्म प्लान, कार इंश्योरेंस)
  • मासिक निवेश: 70,000 रुपये म्यूचुअल फंड में और 10000 से 15000 रुपये स्टॉक्स में
  • गोल्स: बेटे की शिक्षा (2035 तक 6 करोड़) और रिटायरमेंट (2034 तक 6-7 करोड़)
  • वर्तमान सेकेंडरी इनकम: 60,000 रुपये सालाना डिविडेंड

फाइनेंशियल प्लानिंग में सुधार की जरूरत

शाश्वत का पोर्टफोलियो काफी प्रभावशाली है, लेकिन इसे और बेहतर बनाने के लिए कुछ बदलाव जरूरी हैं। सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर पूनम रूंगटा के अनुसार, शाश्वत के पास DIY निवेशक के रूप में अच्छी रणनीति है, लेकिन इसमें थोड़ी और फाइन-ट्यूनिंग से ज्यादा प्रभावी बनाया जा सकता है।

1. गोल्स की सटीकता और टाइमलाइन

शाश्वत का मुख्य लक्ष्य बेटे की शिक्षा और रिटायरमेंट के लिए 6-6 करोड़ का फंड बनाना है। हालांकि, 6 करोड़ रुपये का अनुमान थोड़ा अधिक लग सकता है।

  • यदि 6 करोड़ का लक्ष्य वाकई आवश्यक है, तो उन्हें 2 लाख रुपये की एसआईपी करनी होगी।
  • अगर वे अपना वर्तमान 1.05 करोड़ का म्यूचुअल फंड शामिल करते हैं, तो भी उन्हें 1.25 लाख रुपये की मासिक एसआईपी करनी होगी।
  • रिटायरमेंट के लिए भी, यदि वे मौजूदा इक्विटी और म्यूचुअल फंड को शामिल नहीं करते हैं, तो उन्हें 2.75 लाख रुपये की एसआईपी करनी होगी।
  • अगर वे रिटायरमेंट की आयु 60 वर्ष तक बढ़ाते हैं, तो मौजूदा निवेश से 6 करोड़ का लक्ष्य आसानी से हासिल किया जा सकता है।

2. जोखिम प्रबंधन और विविधीकरण

शाश्वत के पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन अच्छा है, लेकिन कुछ चीजें सुधारने की जरूरत है:

  • इक्विटी में 85% से अधिक निवेश जोखिम बढ़ा सकता है। डेट इंस्ट्रूमेंट्स (PPF, बॉन्ड्स, आदि) का अनुपात बढ़ाना जरूरी है।
  • एफडी का विकल्प – एफडी में रखी 11 लाख की राशि को लिक्विड फंड्स में ट्रांसफर करने पर बेहतर रिटर्न मिल सकता है।
  • बीमा कवर बढ़ाने की जरूरत – हेल्थ और टर्म प्लान के अलावा क्रिटिकल इलनेस कवर लेना फायदेमंद हो सकता है।

3. टैक्स प्लानिंग और पीपीएफ पर पुनर्विचार

  • पीपीएफ को बढ़ाना अच्छा विकल्प है, लेकिन नई टैक्स व्यवस्था में ATC लाभ नहीं मिलने के कारण इसे सीमित रखना चाहिए।
  • डायरेक्ट इक्विटी में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को ध्यान में रखते हुए टैक्स-एफिशिएंट निवेश करना चाहिए।

निष्कर्ष: DIY निवेशक के लिए सुधार के सुझाव

  1. गोल्स की पुनर्समीक्षा करें और आवश्यक राशि का सटीक कैलकुलेशन करें।
  2. रिटायरमेंट को 60 वर्ष तक बढ़ाएं ताकि एसआईपी का बोझ कम हो।
  3. डेट और इक्विटी का संतुलन बनाए रखें, अधिक जोखिम से बचें।
  4. एफडी की जगह लिक्विड फंड्स में निवेश करें।
  5. टैक्स-सेविंग रणनीति अपनाएं और पीपीएफ को जरूरत के अनुसार एडजस्ट करें।

DIY निवेशक के रूप में शाश्वत की रणनीति सराहनीय है, लेकिन कुछ छोटे बदलावों से उनका फाइनेंशियल प्लानिंग और भी मजबूत हो सकती है। यदि वे किसी प्रोफेशनल से सलाह लेते हैं, तो उनकी योजना और भी सटीक और प्रभावी बन सकती है।

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