पिछले हफ्ते एक रीडर से बातचीत हुई — चलिए उसका नाम राहुल मान लेते हैं। राहुल की सैलरी ₹75,000 प्रति माह है। बहुत खराब नहीं कह सकते। लेकिन उसकी ज़िंदगी में कर्ज का जाल बिछा है —
🏠 होम लोन
🚗 गाड़ी का लोन
💳 पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड ईएमआई
हर महीने उसकी EMI जोड़कर ₹45,000 बन जाती है! मतलब राहुल बैंक के लिए मेहनत कर रहा है, खुद के लिए कुछ नहीं बचता।
यह कहानी सिर्फ राहुल की नहीं है। हर हफ्ते लोग Money Matters के फॉर्म में सिर्फ कर्ज की ही समस्या लेकर आते हैं।
इस लेख में हम जानेंगे:
✅ EMI Trap क्या है
✅ इससे बाहर कैसे निकला जाए
✅ दो सबसे असरदार तरीके जिनसे आप अपने लोन चुका सकते हैं — One Loan at a Time
Image Credit: Freepik
💣 EMI Trap – आपकी मेहनत का ‘Interest’
EMI का फॉर्मूला बड़ा आकर्षक लगता है –
👉 “लाइट ऑन योर सैलरी, ओन अ लॉट इन ₹989 पर लाख”
लेकिन असलियत क्या है?
मान लीजिए आपने ₹75 लाख का होम लोन लिया 8% ब्याज पर:
Loan Duration | EMI (Approx) | Total Interest Paid | Total Payment |
---|---|---|---|
10 साल | ₹93,000 | ₹36 लाख | ₹1.11 करोड़ |
30 साल | ₹57,669 | ₹1.32 करोड़ | ₹2.07 करोड़ |
अब सोचिए, ब्याज में ₹1.32 करोड़ यानी लोन का करीब 2 गुना!
🧠 Loan Structure की असलियत
लोन की EMI का बड़ा हिस्सा शुरुआत में सिर्फ ब्याज जाता है, न कि प्रिंसिपल।
उदाहरण के लिए:
- 2025 अप्रैल में EMI ₹92,000 में से
- ₹53,000 ब्याज
- ₹40,000 प्रिंसिपल
- 2030 अप्रैल तक — 5 साल बाद भी बकाया लोन होगा ₹44.71 लाख
📉 प्रिंसिपल तेजी से घटता है आखिरी के वर्षों में, जब तक आपका लोन लगभग पूरा चुका हुआ होता है।
👉 इसलिए लोन जितनी जल्दी चुकाओगे, उतना ब्याज बचेगा।
🔄 अब कैसे चुकाएं लोन? Follow These 4 Steps
✅ Step 1: सभी लोन का पूरा डिटेल बनाएं
एक Excel Sheet में हर लोन की ये 5 डिटेल भरें:
- लोन अमाउंट
- बचा हुआ अमाउंट
- बची हुई EMI की संख्या
- हर EMI की राशि
- ब्याज दर (Rate of Interest)
इससे आप अपना Debt to Income Ratio (DTI) निकाल सकते हैं:
DTI = (EMI का कुल योग / Net Monthly Income) × 100
✅ Step 2: लोन चुकाने की रणनीति अपनाएं – One Loan at a Time
🧪 रिसर्च कहती है — एक-एक लोन फोकस करके चुकाना ज्यादा असरदार है।
👉 सभी EMI की मिनिमम राशि तो भरते रहें
👉 लेकिन Extra Amount सिर्फ एक लोन को चुकाने में लगाएं
अब सवाल – कौन सा लोन पहले चुकाएं?
🎯 दो रणनीतियां: Avalanche Vs Snowball
1. Avalanche Method – अधिक ब्याज वाले लोन से शुरू करें
- सबसे महंगा लोन पहले चुकाएं (High Interest Loan)
- ✅ कम ब्याज देना पड़ेगा
- ❌ वक्त ज़्यादा लग सकता है क्योंकि बड़ा लोन है
2. Snowball Method – छोटे EMI वाले लोन से शुरू करें
- छोटा लोन पहले खत्म करें
- ✅ मनोवैज्ञानिक संतुष्टि मिलेगी (Loan खत्म हो रहा है!)
- ❌ ज़्यादा ब्याज भरना पड़ सकता है बड़े लोन में
🔔 जो तरीका आपके लिए फिट बैठे – वही चुनें। लेकिन बिना प्लान के सबको साथ-साथ चुकाने की गलती मत करें।
📌 Bonus Tip: लोन की शुरुआत में ही जितना ज्यादा चुकाएं, उतना बेहतर!
क्यों?
क्योंकि शुरू में ब्याज ज़्यादा लगता है।
अगर आपने शुरुआत में ही ज्यादा प्रिंसिपल चुका दिया, तो लंबे समय तक का भारी ब्याज बच जाएगा।
🧾 निष्कर्ष (Conclusion):
- EMI Trap एक Psychological Trap है
- बैंक कम EMI दिखाकर असली तस्वीर नहीं दिखाते
- ज्यादा ब्याज से बचना है तो लोन की शुरुआत में ही ज्यादा चुकाओ
- एक लोन पर फोकस करें — Either Avalanche या Snowball
- अपने सभी लोन की स्थिति का डिटेल चार्ट बनाएं
EMI के इस ट्रैप से बाहर निकलना मुश्किल नहीं, लेकिन एक ठोस प्लान और लगातार प्रयास चाहिए।
आज ही अपने लोन का एक्सेल शीट बनाना शुरू करें। और अपना पहला लोन खत्म करने की राह पर कदम रखें।
🧠 आपने कौन सा तरीका अपनाया – Avalanche या Snowball?
कमेंट में जरूर बताएं!
Choose loan offers from 90+ financiers
📃Paperless application
📱Digital loan sanctions
🥳Step by step tracking
Apply Now
FAQ’s
Q1: EMI Trap क्या होता है?
EMI Trap वह स्थिति है जब आपकी इनकम का बड़ा हिस्सा सिर्फ लोन की EMI में चला जाता है और सेविंग्स नहीं बचती।
Q2: EMI Trap से बाहर कैसे निकले?
सभी लोन की लिस्ट बनाकर One Loan at a Time रणनीति अपनाएं — या तो Avalanche Method या Snowball Method।
Q3: Avalanche Method क्या है?
इसमें सबसे पहले हाई इंटरेस्ट लोन चुकाया जाता है ताकि कुल ब्याज कम हो।
Q4: Snowball Method क्या है?
इसमें सबसे पहले छोटा लोन चुकाकर मोटिवेशन बढ़ाया जाता है। इससे धीरे-धीरे सभी लोन खत्म करने में मदद मिलती है।
Q5: लोन जल्दी चुकाने से क्या फायदे हैं?
ब्याज में लाखों रुपये की बचत, मानसिक शांति और तेजी से फाइनेंशियल फ्रीडम।
Q6: क्या EMI जल्दी चुकाना सही है?
हाँ, लोन की शुरुआत में ज्यादा प्रिंसिपल चुकाने से ब्याज में भारी बचत होती है।
Must Read: Dark Reality of Health Insurance in India – Real Story!
Leave a Reply Cancel reply