Best ETFs to Invest in 2024: इंडिया में दो मुख्य ट्रेंड्स काफी स्पष्ट दिख रहे हैं—एक, लोग एक्टिव फंड्स से पैसिव फंड्स की तरफ बढ़ रहे हैं, और इसके चलते म्यूचुअल फंड्स और ETFs (Exchange Traded Funds) की मांग तेजी से बढ़ रही है। दूसरा, अधिकतर इन्वेस्टर्स अब लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं। मार्च 2024 तक, ETF का हिस्सा कुल म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का 13% हो चुका है। यह एक महत्वपूर्ण बदलाव है, खासकर जब ETF को लॉन्च हुए महज 10-12 साल ही हुए हैं।
मार्च 2020 के बाद से, ETF में बड़े पैमाने पर ग्रोथ देखी गई है। मार्च 2020 से मार्च 2021 तक, निवेशक फोलियोस में लगभग 2.5 गुना वृद्धि हुई है। 85-90% ETF ट्रेडिंग वॉल्यूम इक्विटी ETFs से आता है, और इसी ग्रोथ के चलते यह स्पष्ट है कि अब ETF में निवेश करना सही समय हो सकता है।
ETF क्या होता है?
ETF (Exchange Traded Fund) एक निवेश उपकरण है जो म्यूचुअल फंड और स्टॉक्स दोनों की विशेषताओं को साझा करता है। लेकिन ETF में निवेश करने से पहले आपको इसके तीन मुख्य पहलुओं को समझना होगा:
- Good AUM (Assets Under Management)
ETF की लिक्विडिटी बहुत महत्वपूर्ण होती है, और AUM का सही स्तर होने से यह सुनिश्चित होता है कि आपके पास पर्याप्त बायर्स और सेलर्स हों। कम AUM होने पर लिक्विडिटी इश्यूज हो सकते हैं, जिससे बाइंग और सेलिंग में दिक्कतें आ सकती हैं। - Indicative Net Asset Value (iNAV)
ETF का प्राइस ट्रेडिंग के दौरान हर सेकंड बदलता रहता है। ETF के केस में iNAV (Indicative Net Asset Value) देखना जरूरी है, जो आपको ETF की सही वैल्यू बताता है। यह iNAV AMC की वेबसाइट पर पाया जा सकता है। - Tracking Errors
ETF बेंचमार्क इंडेक्स को क्लोजली ट्रैक करने की कोशिश करता है, लेकिन कई कारणों से यह सही से ट्रैक नहीं कर पाता, जैसे लिक्विडिटी, ट्रेडिंग कॉस्ट्स, और कुछ कैश होल्डिंग्स। आईडियल ट्रैकिंग डिफरेंस जीरो होना चाहिए, और बड़ी नेगेटिव या पॉजिटिव वैल्यूज चिंता का कारण हो सकती हैं।
Best ETFs for the Long Term
अब, इक्विटी ETFs पर फोकस करते हैं, जो कुल ETF वॉल्यूम का 85-90% हिस्सा होते हैं। हम तीन तरह के ETFs पर बात करेंगे:
1. Broad Market-Based ETF
यह ETFs ब्रॉड इंडेक्सेस जैसे निफ्टी मिड कैप 150 पर आधारित होते हैं। यदि हम पिछले 10 साल का डेटा देखें, तो निफ्टी मिड कैप 150 सबसे बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। इसने 15% का सालाना रिटर्न दिया है, और इसका जोखिम भी निफ्टी स्मॉल कैप के मुकाबले कम है।
मिड कैप 150 ETFs में Nippon India ETF और Mirae Asset Nifty Midcap 150 दो बेहतरीन विकल्प हैं। इनमें से Mirae Asset को चुनना बेहतर होगा, क्योंकि इसका एक्सपेंस रेशियो कम है।
2. Smart Beta ETF
Nifty 200 Momentum 30 एक स्मार्ट बीटा फंड है, जो मोमेंटम इन्वेस्टिंग के कांसेप्ट पर आधारित है। मोमेंटम इन्वेस्टिंग में पिछले 3 या 6 महीनों का स्टॉक का ट्रेंड देखा जाता है। जो स्टॉक्स अतीत में अच्छा प्रदर्शन कर चुके हैं, उन्हें भविष्य में भी अच्छा प्रदर्शन करने की संभावना होती है।
इस इंडेक्स ने 2005 से अब तक लगभग 30 गुना रिटर्न दिया है। हालांकि, इसमें कुछ जोखिम भी होते हैं, खासकर मार्केट के शार्प रिकवरी या ड्रॉप के दौरान। इस कैटेगरी में सबसे अच्छा विकल्प UTI Nifty 200 Momentum 30 Index Fund है।
दूसरा स्मार्ट बीटा ETF जो मोमेंटम ETF के साथ अच्छा काम करता है, वह है Nifty 100 Low Volatility 30 Index। यह बेयर मार्केट्स में बेहतर परफॉर्म करता है। इसका औसत स्टैंडर्ड डेविएशन निफ्टी 50 और निफ्टी 100 से कम होता है, जो इसे जोखिम में कमी के मामले में बेहतर बनाता है। ICICI Prudential Nifty 100 Low Volatility ETF इसमें निवेश करने के लिए अच्छा विकल्प है।
3. International ETF
NASDAQ-100 एक इंटरनेशनल ETF है जो अमेरिका की टॉप टेक्नोलॉजी कंपनियों में निवेश करता है। इसमें निवेश करने से आपके पोर्टफोलियो को जियोग्राफिकल डायवर्सिफिकेशन मिलता है। यह इंडेक्स 15 साल में 9 गुना बढ़ चुका है, और इसने 21.4% का CAGR रिटर्न दिया है। Motilal Oswal Nasdaq 100 ETF इस कैटेगरी का सबसे अच्छा विकल्प है।
Conclusion
इन ETFs में लंबे समय तक निवेश करके आप अपने निवेश पोर्टफोलियो को बेहतर बना सकते हैं। चाहे आप भारत के मिड-कैप सेक्टर पर ध्यान दें या इंटरनेशनल टेक्नोलॉजी इंडेक्स में निवेश करें, ये विकल्प अगले 15 सालों के लिए बेहतरीन साबित हो सकते हैं।
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यदि आप इनमें से किसी भी ETF में निवेश कर चुके हैं, तो अपने अनुभव हमारे साथ ज़रूर साझा करें!
Disclaimer: The information provided in this post is for educational purposes only and does not constitute financial advice. While I have made every effort to ensure the accuracy of the information, investment decisions should be based on your own research and financial goals. ETFs, like all investments, carry inherent risks, and past performance is not indicative of future results. It is recommended to consult with a certified financial advisor or professional before making any investment decisions. The author is not responsible for any financial losses incurred due to investments made based on the information provided in this post.