1 अक्टूबर 2024 से, IRDAI का मास्टर सर्कुलर लागू हो रहा है, जो लाइफ, जनरल, और हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा। इस बदलाव के साथ ही पॉलिसी धारकों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं, विशेष रूप से लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी की Surrender Value और Moratorium Period को लेकर।
इस ब्लॉग में हम विस्तार से चर्चा करेंगे कि ये बदलाव क्या हैं, कैसे प्रभावित करेंगे, और किन पॉलिसी धारकों पर ये लागू होंगे। अगर आप भी इन सवालों के जवाब चाहते हैं, तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।
IRDAI का नया मास्टर सर्कुलर 2024: पुराने और नए पॉलिसीधारकों पर क्या असर?
IRDAI ने अपने मास्टर सर्कुलर में यह स्पष्ट नहीं किया है कि ये बदलाव मौजूदा पॉलिसीधारकों पर भी लागू होंगे या सिर्फ 1 अक्टूबर 2024 के बाद खरीदी गई पॉलिसियों पर। यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है। मौजूदा पॉलिसीधारक इस बात को लेकर चिंतित हैं कि उनकी Surrender Value पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
Surrender Value क्या होती है?
Surrender Value तब मिलती है जब आप किसी पॉलिसी को उसकी पूरी अवधि से पहले समाप्त करना चाहते हैं। पहले यह सुविधा केवल गारंटीड सरेंडर वैल्यू के रूप में उपलब्ध थी, लेकिन अब IRDAI ने स्पेशल सरेंडर वैल्यू का भी प्रावधान किया है।
गारंटीड सरेंडर वैल्यू (Guaranteed Surrender Value)
पहले, गारंटीड सरेंडर वैल्यू का मतलब था कि यदि आप दो या तीन साल प्रीमियम भरने के बाद पॉलिसी सरेंडर करते हैं, तो आपको कुल प्रीमियम का 30% से 35% तक मिलता था। चार से सात साल प्रीमियम देने पर यह प्रतिशत बढ़कर 50% तक हो जाता था। अगर आपने पॉलिसी की अवधि समाप्त होने से दो साल पहले सरेंडर किया, तो आपको 90% तक राशि मिल सकती थी।
स्पेशल सरेंडर वैल्यू (Special Surrender Value)
स्पेशल सरेंडर वैल्यू IRDAI का नया नियम है। इसमें पॉलिसी को पेड-अप वैल्यू पर लाने का प्रावधान है। इसका मतलब यह है कि यदि आप 1 साल के बाद प्रीमियम भरना बंद कर देते हैं, तो आपको उस साल के हिसाब से पेड-अप वैल्यू मिलेगी। यह कैलकुलेशन एक विशेष फार्मूला के आधार पर की जाती है, जिसमें पेड-अप वैल्यू, बोनस, और अन्य फैक्टर्स शामिल होते हैं।
स्पेशल सरेंडर वैल्यू का कैलकुलेशन
स्पेशल सरेंडर वैल्यू की गणना पॉलिसी के पेड-अप वैल्यू और बोनस के आधार पर होती है। उदाहरण के तौर पर, यदि आपकी पेड-अप वैल्यू ₹15,000 है और बोनस ₹8,000 है, तो इसका 30% सरेंडर वैल्यू के रूप में मिलेगा। इस प्रकार आपकी स्पेशल सरेंडर वैल्यू ₹6,900 होगी। हालांकि, यह प्रतिशत अलग-अलग पॉलिसियों और इंश्योरेंस कंपनियों पर निर्भर कर सकता है।
Moratorium Period की सच्चाई
IRDAI ने मोराटोरियम पीरियड की अवधि को 8 साल से घटाकर 5 साल कर दिया है। इसका मतलब यह है कि यदि कोई पॉलिसीधारक 5 साल तक अपनी पॉलिसी को नियमित रूप से जारी रखता है, तो उस पर किसी भी प्री-एग्जिस्टिंग बीमारी के कारण क्लेम रिजेक्ट नहीं किया जाएगा। लेकिन यहाँ एक महत्वपूर्ण बात यह है कि यह सुविधा केवल छोटी बीमारियों के लिए है, जैसे डायबिटीज या हाइपरटेंशन।
Moratorium Period में Fraud न करें
कुछ लोग यह सोचते हैं कि वे किसी गंभीर बीमारी को छिपाकर पॉलिसी खरीद सकते हैं और 5 साल के बाद क्लेम कर सकते हैं, लेकिन यह पूरी तरह से गलत और अनैतिक है। IRDAI स्पष्ट रूप से कहता है कि यदि कोई पॉलिसीधारक जानबूझकर बीमारी छिपाता है, तो इंश्योरेंस कंपनी न केवल क्लेम रिजेक्ट करेगी, बल्कि फ्रॉड का केस भी दर्ज कर सकती है।
क्या बदलाव Existing Policies पर लागू होंगे?
IRDAI मास्टर सर्कुलर 2024 के अनुसार, ये सारे बदलाव नई पॉलिसियों पर लागू होंगे। मौजूदा पॉलिसीधारकों पर ये बदलाव प्रभावी नहीं होंगे, क्योंकि लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों के बेनिफिट्स और टर्म्स में बदलाव नहीं किया जा सकता। पॉलिसी में केवल एंडोर्समेंट किया जा सकता है, जैसे मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी बदलना।
निष्कर्ष
IRDAI के 2024 मास्टर सर्कुलर से लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों में कई महत्वपूर्ण बदलाव आएंगे, खासकर Surrender Value और Moratorium Period के संदर्भ में।
अगर आप 1 अक्टूबर 2024 के बाद पॉलिसी लेने की सोच रहे हैं, तो आपको इन नए नियमों के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। वहीं मौजूदा पॉलिसीधारक अपने पॉलिसी डॉक्युमेंट्स के अनुसार ही अपने फैसले लें।
आपकी कोई भी क्वेरी हो, तो कमेंट बॉक्स में जरूर पूछें।