📉 RBI ने फिर घटाई रेपो रेट, अब सिर्फ 6% | होम लोन लेने वालों के लिए खुशखबरी
RBI Cuts Repo Rate: आज की बड़ी खबर ये है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बार फिर से अपनी रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती कर दी है। यानी अब RBI की रेपो रेट घटकर 6% हो गई है। इस फैसले का सीधा फायदा होगा लोन लेने वालों को, खासकर उन लोगों को जिनके पास होम लोन है या जो नया होम लोन लेना चाह रहे हैं।
📌 Repo Rate में कटौती का मतलब क्या है?
रेपो रेट वो ब्याज दर है जिस पर RBI देश के बैंकों को कर्ज देता है। जब रेपो रेट घटती है तो बैंक सस्ते ब्याज पर कर्ज लेते हैं और इसका असर आम लोगों को मिलने वाले लोन की ब्याज दरों पर भी पड़ता है।
👉 पहले रेपो रेट थी 6.5%
👉 फरवरी में हुई 6.25%
👉 अब अप्रैल 2025 में घटकर हुई 6.00%
📊 यह है रेपो रेट का ट्रेंड:
वर्ष | रेपो रेट |
---|---|
2019 | 5.15% |
2020-2021 (Covid समय) | 4.00% |
2022-2023 | 6.5% (महंगाई बढ़ने पर) |
फरवरी 2025 | 6.25% |
अप्रैल 2025 | 🔻 6.00% |
🏡 होम लोन लेने वालों को कैसे होगा फायदा?
मान लीजिए आपने 6 महीने पहले SBI से 8.5% ब्याज दर पर होम लोन लिया था, उस वक्त:
- रेपो रेट = 6.5%
- बैंक मार्जिन = 2%
- होम लोन रेट = 6.5% + 2% = 8.5%
अब जब रेपो रेट घटकर 6% हो गई है, और बैंक वही 2% मार्जिन रखता है, तो:
- नया होम लोन रेट = 6% + 2% = 8%
📌 यानि आपके होम लोन की ब्याज दर 0.5% घट जाएगी!
उदाहरण:
अगर किसी ने ₹1 करोड़ का होम लोन लिया है और ₹90,000 की EMI भरता है तो उसके पास दो ऑप्शन होंगे:
- वही EMI (₹90,000) भरते रहें – लोन जल्दी चुक जाएगा (जैसे 20 साल के बजाय 19 साल में)
- EMI घटाकर ₹85,000 कर सकते हैं – लोन टेन्योर समान रहेगा लेकिन मासिक बोझ कम

🌐 टैरिफ को लेकर ग्लोबल इकोनॉमी में हलचल
इस रेपो रेट कटौती के पीछे सिर्फ घरेलू कारण नहीं हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय घटनाएं भी भूमिका निभा रही हैं। खासकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ्स:
देश | टैरिफ (%) |
---|---|
चीन | 104% |
भारत | 26% |
पाकिस्तान | 29% |
बांग्लादेश | 37% |
वियतनाम | 46% |
ट्रंप ने इन टैरिफ्स के ज़रिए चीन की कमर तोड़ दी है और विशेषज्ञों के मुताबिक भारत को इससे लंबी अवधि में फायदा हो सकता है। लेकिन अभी के लिए भारत पर 26% का टैरिफ लगा है, जिससे अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ा है। इसी कारण RBI ने रेपो रेट घटाकर राहत देने का फैसला लिया है।
📈 रेपो रेट घटाने का आर्थिक असर
RBI का मकसद:
देश में कंजम्पशन (उपभोग) बढ़ाना और GDP ग्रोथ को सपोर्ट करना।
जब ब्याज दरें कम होती हैं तो:
- लोग ज्यादा कर्ज लेते हैं
- मकान खरीदते हैं
- कंस्ट्रक्शन, स्टील, सीमेंट, ऑटो जैसे सेक्टर में खर्च बढ़ता है
- इससे मार्केट में पैसा फ्लो करता है और जीडीपी को बूस्ट मिलता है
सीधा असर:
“जब लोन सस्ते होंगे तो लोग खर्च करेंगे, प्रोजेक्ट शुरू करेंगे, और इकोनॉमी में एक्टिविटी बढ़ेगी।”
📉 ब्याज दरें घटेंगी तो क्या करें?
यदि आपका होम लोन पहले से चल रहा है:
✅ बैंक से संपर्क करें और इंटरेस्ट रेट रिवाइज़ करने का अनुरोध करें
✅ EMI कम करें या लोन जल्दी खत्म करें
✅ अगर नई प्रॉपर्टी खरीदने का सोच रहे हैं, तो अभी सही समय है
🧠 निष्कर्ष
रेपो रेट में कटौती सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है, यह सरकार और RBI की उस सोच का हिस्सा है जो देश की अर्थव्यवस्था को बूस्ट देना चाहती है। इससे लाखों होम लोन धारकों को राहत मिलेगी, साथ ही नई खरीदारी को भी बढ़ावा मिलेगा। अगर आप घर खरीदने की सोच रहे हैं, तो 2025 हो सकता है आपके लिए सही समय।
FAQs
1. RBI ने रेपो रेट कब और कितना घटाया है?
अप्रैल 2025 में RBI ने रेपो रेट को 25 बेसिस पॉइंट्स घटाकर 6% कर दिया है।
2. रेपो रेट घटने से होम लोन पर क्या असर होता है?
रेपो रेट घटने से बैंक सस्ते में लोन देते हैं जिससे आपकी EMI घटती है।
3. मेरा पुराना होम लोन चल रहा है, क्या मुझे फायदा मिलेगा?
हाँ, आप अपने बैंक से ब्याज दर रिवाइज करने की रिक्वेस्ट कर सकते हैं या बैलेंस ट्रांसफर कर सकते हैं।
5. क्या 2025 में घर खरीदना फायदेमंद रहेगा?
जी हां, ब्याज दरें कम होने से यह रियल एस्टेट में निवेश का अच्छा समय है।
6. रेपो रेट में बदलाव का आर्थिक असर क्या होता है?
इससे कर्ज सस्ता होता है, खर्च बढ़ता है और अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिलता है।