LIC में 5 बड़े बदलाव: नमस्कार दोस्तों, आपके अपने ब्लॉग में स्वागत है! 1 अक्टूबर 2024 से इंश्योरेंस इंडस्ट्री में बड़े बदलाव हुए हैं, और इनमें से सबसे ज्यादा प्रभाव LIC और इसके 14 लाख एजेंट्स पर पड़ सकता है। इन बदलावों ने एलआईसी एजेंट्स के करियर पर गहरा असर डाला है। इस ब्लॉग में, हम LIC में हुए पांच बड़े बदलावों पर चर्चा करेंगे, जो न सिर्फ LIC एजेंट्स के लिए चिंता का कारण बन सकते हैं, बल्कि इस विशाल संस्थान के भविष्य को भी प्रभावित करेंगे।
1. पॉलिसी प्रीमियम में वृद्धि
एलआईसी की ज्यादातर पॉलिसी, जैसे जीवन आनंद, उमंग, लक्ष्य, और लाभ रिवाइज की गई हैं। इन सभी पॉलिसियों का प्रीमियम 5% से 7% तक बढ़ा है। इसका सीधा असर ग्राहकों पर पड़ेगा, क्योंकि उन्हें अब अधिक प्रीमियम देना होगा। इससे पॉलिसी बेचना एजेंट्स के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर उन ग्रामीण और निम्न आयवर्ग के लोगों के बीच, जो छोटी पॉलिसी लेने के इच्छुक थे। प्रीमियम में बढ़ोतरी एजेंट्स के काम को और मुश्किल बना सकती है क्योंकि ग्राहकों की वित्तीय योजनाओं में यह भारी बदलाव लेकर आएगा।
2. पॉलिसी सरेंडर नियमों में बदलाव
एक और बड़ा बदलाव पॉलिसी सरेंडर रूल से जुड़ा है। नए नियमों के अनुसार, अब पॉलिसी को एक साल के बाद सरेंडर किया जा सकता है। पहले, आईआरडीए ने इस नियम को पोस्टपोन करने का सुझाव दिया था, लेकिन अब इसे लागू कर दिया गया है। इस बदलाव का असर यह हो सकता है कि पॉलिसीधारक एक साल बाद अपनी पॉलिसी सरेंडर करने के लिए प्रेरित होंगे, जिससे एजेंट्स की कमीशन पर और भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। पॉलिसी सरेंडर करने से न केवल कस्टमर्स का रिस्क कवर खत्म हो जाएगा, बल्कि एजेंट्स के लिए भी एक स्थिर इनकम स्रोत खतरे में पड़ जाएगा।
3. सम अश्योर्ड (Sum Assured) में बदलाव
अब न्यूनतम सम अश्योर्ड 2 लाख रुपये कर दिया गया है, जो पहले केवल 75000 या 1 लाख रुपये तक होता था। यह बदलाव भी एजेंट्स और ग्राहकों दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां लोग छोटी पॉलिसी लेना पसंद करते थे। अब उन्हें कम से कम 2 लाख रुपये की पॉलिसी लेनी होगी, जिससे उनका प्रीमियम भी बढ़ जाएगा। यह बदलाव छोटे बजट वाले ग्राहकों को एलआईसी से दूर कर सकता है और एजेंट्स के लिए बिक्री के अवसर कम कर सकता है।
4. NACH मोड में बदलाव
NACH (National Automated Clearing House) मोड में भी बड़ा बदलाव आया है। पहले, ग्राहक एक महीने का प्रीमियम देकर पॉलिसी शुरू कर सकते थे, लेकिन अब कम से कम 3 महीने का प्रीमियम एडवांस में देना होगा। इससे उन लोगों को परेशानी हो सकती है जो मासिक प्रीमियम देकर अपनी पॉलिसी को चालू रखते थे। यह नया नियम पॉलिसी की संख्या को भी कम कर सकता है, क्योंकि अब बहुत से लोग तिमाही आधार पर प्रीमियम जमा करने को मजबूर होंगे।
5. कमीशन स्ट्रक्चर में कटौती
सबसे बड़ा और एजेंट्स के लिए सबसे चिंताजनक बदलाव कमीशन स्ट्रक्चर में हुआ है। अब एजेंट्स का कमीशन 7.5% से 10% तक घटा दिया गया है। इस कटौती से एजेंट्स की आय पर सीधा प्रभाव पड़ेगा, खासकर उन एजेंट्स के लिए जिनके पास ग्रामीण या छोटे बाजारों के ग्राहक हैं। कमीशन घटने से उनकी मेहनत और फील्ड में किए जाने वाले कामों की लागत को मैनेज करना मुश्किल हो जाएगा।
नतीजा: LIC और AGENTS पर असर
यहां पर एक बात स्पष्ट है कि इन बदलावों का सबसे बड़ा असर LIC एजेंट्स पर पड़ेगा। प्रीमियम बढ़ने, पॉलिसी सरेंडर नियमों में बदलाव, और कमीशन में कटौती से एजेंट्स का काम कठिन हो जाएगा। एलआईसी को अपने एजेंट्स के साथ इस स्थिति को सुधारने के लिए नए कदम उठाने होंगे, नहीं तो एजेंट्स का इस इंडस्ट्री में बने रहना मुश्किल हो सकता है।
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